मोबाइल के गुण अवगुण
प्रतियोगिता हेतु रचना
मोबाइल के गुण अवगुण
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वर्षगांठ पर बीबी का हम गिफ्ट मा लाएन मोबाइल।
काम धाम सब छोड़ि दिहिस है होई गै एकदम काहिल।।
दिन भर मोबाइल से चिपकी गिटपिट करति रहत है।
घर के सारे काम-धाम अब हमहीं का करन परति हैं।।
काम-धाम की बात तौ छोड़ौ फ्रेन्डौ अब खूब बने हैं।
मोबाइल तक रहे ना सीमित दरवाजे पर रोज खड़े हैं।।
बड़ी मुसीबत आई घर मा काहे हम लाएन मोबाइल।
बीबी अक्सर बीमार रहति है होई गै है एकदम काहिल।।
लरिका बच्चा सब परेशान हैं काहे यो बना मोबाइल।
सारी दुनिया मोबाइल से चिपकी होईगै एकदम काहिल।।
मोबाइल के गुण भी बहुत हैं घर बैठे सब काम करति है।
घर बैठे सामान खरीदौ टिकटन का बुक भी करतिहै।।
मोबाइल से घर बैठे अब सब बच्चा भी करें पढ़ाई ।
मोबाइल मा चैटिंग करिकै आपस मा करैं लड़ाई।।
मोबाइल के मैसेज से शहरन मा बढ़ि जात हैं दंगा।
गुंडा और सब मिल मवाली फिर खूब करत हुढ़दंगा।।
पथिक भी अब खुद परेशान है एक मोबाइल लइकै।
चौबीस घंटा मैसेज आवत हैं खुट खुट खुट का सुनिकै।।
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर
Shashank मणि Yadava 'सनम'
06-Aug-2023 09:52 AM
खूबसूरत भाव और बेहतरीन अभिव्यक्ति
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Reena yadav
06-Aug-2023 08:34 AM
👍👍
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Gunjan Kamal
05-Aug-2023 10:34 PM
बहुत खूब
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